Snake Viral Video: बिहार में छठ घाट पर दिखा विषैला सर्प इसे मात्र एक संयोग कहें या चमत्कार

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Snake Viral Video: अभी दो दिन पहले बिहार में छठ पूजा सम्पन्न हुई है। ऐसे में छठ घाट का एक विडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस विडियो में दिख रहा है कि सूर्य भगवान को अर्ध्य देते समय एक जहरीला सर्प पानी में तैरते हुए घाट कि तरफ बढ़ रहा है सामने एक व्रती महिला खड़ी है जो बिना डरे रोकने का प्रयास करती है पर वह घाट कि तरफ बढ़ता ही चला आ रहा है।

घाट कि सीढ़ीयों पर आकर साँप रुक जाता है, फिर थोड़ी देर रुकने के बाद पुनः वह पानी में तैरते हुए दूसरे घाट कि तरफ बढ़ जाता है इस दरम्यान व्रत करने वाले कई महिला पुरुष पानी में मौजूद हैं पर वह किसी को कोई हानि नहीं पहुँचाता है प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह साँप पानी में तैरते हुए अलग-अलग कई घाटों पर गया तथा थोड़ी देर रुकने के बाद वापस पानी में चला गया।

छठ पर्व: एक अद्भुत परंपरा

छठ पर्व, जिसे छठ पूजा भी कहा जाता है, भारत के बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मइया की पूजा के लिए समर्पित है। यह चार दिन का त्योहार है, जो कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होता है और सप्तमी तक चलता है।

छठ पर्व का महत्व

छठ पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह न केवल सूर्य देवता की आराधना का अवसर है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों की पवित्रता का संदेश भी देता है। इस पर्व के दौरान श्रद्धालु नदी, तालाब या अन्य जल स्रोतों के किनारे जाकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जिससे जल के प्रति सम्मान और संरक्षण की भावना जागृत होती है।

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छठ पर्व की तैयारी

छठ पर्व की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू होती है। परिवार के सदस्य घर की सफाई करते हैं, विशेष पकवानों की तैयारी करते हैं और पूजा सामग्री इकट्ठा करते हैं। इस दौरान व्रति (जो महिलाएं उपवास करती हैं) 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं।

छठ पर्व के चार दिन

  1. नहाय-खाय: पहले दिन व्रति स्नान करती हैं और शुद्ध भोजन ग्रहण करती हैं। यह दिन शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक होता है।
  2. खरना: दूसरे दिन व्रति दिनभर उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ से बने खीर और रोटी का भोग बनाकर सूर्य देव को अर्पित करती हैं।
  3. संध्या अर्घ्य: तीसरे दिन व्रति सूर्यास्त के समय नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। यह सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है।
  4. सुबह अर्घ्य: चौथे और अंतिम दिन सुबह सूर्योदय के समय फिर से अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रति अपना उपवास तोड़ती हैं और परिवार के साथ प्रसाद का सेवन करती हैं।

साँप के प्रजाति कि हो गई है पहचान 

छठ घाट पर दिखने वाले साँप के प्रजाति की पहचान कर ली गई है यह साँप भारत में ” करैत ”  विशेष रूप से कॉमन करैत (Bungarus caeruleus) जैसा दिखता हैं, पर यह वह नहीं था बल्कि एक Sea Snake था जिसका नाम है Hydrophis Belcheri Snake जो गहरे समुन्द्र में पाया जाता है और अत्यंत ही जहरीला होता है।

अब सवाल यह है कि समुन्द्र की गहराइयों में पाया जाने वाला यह साँप आखिर तालाब में आया कैसे? तो, जैसा कि आपलोगों को मालूम है, बिहार में कुछ दिन पहले भयंकर बढ़ आई हुई थी हो सकता है कि यह साँप दूर से कहीं पानी में बहकर चला आया हो तथा इधर-उधर भटक रहा हो।

यह एक चमत्कार ही है कि इतना जहरीला साँप होते हुए भी इसने किसी को कोई हानि नहीं पहुंचाया बस इधर-उधर घूम अपने रास्ते वापस चला गया।